शंकराचार्यजी ने दिया - कोरोना भागीरथ सम्मान

देश-दुनिया में कोरोना का तांडव कोई भूल नहीं सकता। पूरी दुनिया ने ऐसी भयंकर विनाश लीला देखी है जिस की कोई कल्पना तक नहीं कर सकता।इसी विनाशकाल में लाखों लोग तड़प तड़प के मर गए और कोई कुछ कर भी नहीं सका।
एक ओर कोरोना से लोगों की तड़प तड़प कर मौत हो रही थी, वही दूसरी ओर उन के अपने उन का अंतिम दर्शन भी नही कर पा रहे थे।
लाशें पैकेट में आ रही थी और सीधे श्मशान घाट जलने जा रही थीं यह विश्व की वह त्रासदी है जो मनुष्य कभी नहीं भूल सकता....
ऐसे भयंकर कोरोना के तांडव के बीच कुछ लोग देवदूत बनकर लोगो की मदद कर रहे है थे। कोई खाना खिला रहा था कोई हॉस्पिटल लेकर जा रहा था, तो कोई लाशों का अंतिम संस्कार कर रहा था। ऐसे वीर योद्धाओं को कोरोना वॉरियर्स बोला गया यानी वे कोरोना में मदद करने वाले वीर योद्धा कहलाए।
ऐसा ही अद्भुत अलौकिक दिव्य कार्य उस कोरोना के भयंकर मौत के तांडव में छूट गया था- या पूर्ण नहीं हो पाया - वह था मरे हुए लोगो का विधि-विधान से अंतिम संस्कार, उन की आखरी वैदिक विदाई।
उस वक्त मरने वालों में से जाने कितनों को 'ीक से संस्करों के हिसाब से चार कंधे भी नसीब नहीं हुए, ना ही उन के अपने उनके अंतिम दर्शन कर पाए, ना पिंड दान हुआ, ना ही अस्थिविसर्जन हुआ। कुछ लोगों को तो यह भी विश्वास नहीं है की उन्होंने किसी अपने का ही क्रियाकर्म किया या किसी और का, क्योंकि सब कुछ बहुत आपाधापी में दूर से हुआ।
लोगो के मन में यह टीस आज भी है और अगर शास्त्रों की बात करें तो वैदिक विधिविधान से अंतिम संस्कार बहुत जरूरी है। ऐसा ना होने से आत्माओं को मुक्ति नही मिलती है।
ऐसे ही लोगों को जिन्होंने अपनों को कोरोना में खोया है, उन के अपनों के लिए विश्व की पहली श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का भावुक आयोजन होने जा रहा है वो भी मोक्षदायिनी नगरी बनारस में।
इस कथा को 'परमाराध्य' परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पी'ाधीश्वर जगद्गुरु शज्र्राचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती '१००८' द्वारा कहा जाएगा।
यह कथा विश्व की पहली ऐसी कथा होगी जहां ११ हजार पंडित वैदिक परंपरा से कोरोना में दिवंगत आत्माओं के लिए मोक्ष ओर भक्ति की प्रार्थना करेंगे।
यह अतुलनीय कार्य सिर्फ भारत के लोगों के लिए ही नहीं अपितु पूरे विश्वभर के मनुष्यों के लिये होगा भले वह किसी भी जाति परम्परा से हो...
इस ही क्रम श्री शंकराचार्यजी महाराज 
कोरोना भगीरथ सम्मान की श्रंखला शुरू कर रहे है-
इस क्रम में OTT56 प्लेटफार्म के डायरेक्टर्स माननीय विभा शर्मा व श्री गौरव तिवारी को यह प्रथम `कोरोना भगीरथ' सम्मान मिल रहा है ।
माननीय विभा शर्मा दिल्ली से विश्व के पहले सनातनी OTT56 प्लेटफार्म की डायरेक्टर है व इस कथा की संरक्षक भी। गौरव तिवारी OTT56 प्लेटफार्म के डायरेक्टर हैं। वे इस विश्व की पहली कोरोना काल में दिवंगत आत्माओं को मुक्ति मिल सके इस सोच के जनक हैं। इस विचारधारा को सम्मान करने के लिए श्री शंकराचार्यजी महाराज ने प्रथम `कोरोना भगीरथ' सम्मान से विभा शर्मा व गौरव तिवारी को सम्मानित किया है।
शंकराचार्य जी का कहना है कि यह कार्य साधारण मनुष्य नहीं कर सकता क्योंकि जहाँ एक ओर जिंदा मनुष्य एक दूसरे के लिए नहीं सोच रहा है, वहाँ कोई ऐसा कार्य करे जहाँ लाखों मृत आत्माओं को मोक्ष ओर मुक्ति मिल सके यह बहुत भावुक बात है....
`कोरोना भगीरथ' सम्मान पूरे विश्वभर में ऐसे लोगो को दिए जाएंगे जो इस कथा के माध्यम से इस भागीरथ प्रयास में अपना योगदान देगा। शंकर।चार्य जी स्वयम अपने हाथों से यह सम्मान योग्य पात्रों को देंगे....
इस कथा को जन-जन तक पहुँचाने के लिए एक रथ तैयार किया गया है। यह रथ व इस जैसे १०० रथ सम्पूर्ण भारत मे घूम-घूम कर कोरोना में दिवंगत हुए लोगो का डेटा इकट्ठा करेगा। इस डेटा के माध्यम से कथा के अंतिम दिन हज़ारों पंडितों के मंत्रोच्चार के द्वारा उनकी मुक्ति के उपाय किये जायेंगे। यह सारा कार्य स्वयं श्री शंकराचार्य जी की देख-रेख में पूर्ण होगा इस कथा को पूरा विश्व OTT56 के माध्यम से सीधा प्रसारण द्वारा देख पाएगा और सम्मिलित हो पायेगा।

तिथि : चैत्र शुक्ल षष्ठी
दिनांक : २७ मार्च, २०२३
स्थान : श्रीविद्याम', काशी

प्रकाशनार्थ
प्रेस विज्ञप्ति

कोरोना भागीरथी रथ को संतों ने दिखाई सनातनी झंडी

वाराणसी,27 मार्च,आज मध्याह्न 3 बजे असि घाट से महामंडलेश्वर सतुआ बाबा सन्तोष दास जी,पुज्य शंकराचार्य जी महाराज के शिष्य ब्रम्हचारी मुकुंदानंद जी,बीएचयू के प्रख्यात न्यूरोलॉजिस्ट डॉ विजय नाथ मिश्र जी ने संयुक्त रूप से  कोरोना भागीरथी रथ को सनातनी झंडी दिखाकर रवाना किया।

कोरोना भागीरथी रथ को रवाना करने के पश्चात आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए ओटीटी 56 के डायरेक्टर श्रीमती विभा शर्मा व गौरव तिवारी जी ने संयुक्त रूप से कहा कि ये विश्व का पहला ऐसा महाअभियान है जो कोरोना काल के तांडव में दिवंगत हुई आत्माओं की मोक्ष और मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करेगा।विश्व की सबसे बड़ी होने जा रही है भागवत कथा जो कि पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज के श्रीमुख से कोरोना काल मे दिवंगत आत्माओं की मोक्ष व मुक्ति हेतु सम्पन्न होगी।इसी क्रम में आज असि घाट से एक रथ को सनातनी झंडी दिखाकर रवाना किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य भारतवर्ष में घूम घूम कर कोरोना में मृत लोगो डेटा इक्कठा करेगा ताकि शंकराचार्य जी के सानिध्य में 11000 पंडितों की उपस्थिति में मोक्ष हेतु वैदिक यज्ञ किया जायेगा।ऐसे 100 रथ सम्पूर्ण भारत मे भेजे जायेंगे।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सर्वश्री:-मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय,राम सजीवन शुक्ला,सुनील शुक्ला,सुनील उपाध्याय,रविन्द्र मिश्रा,राज कुमार शर्मा,राकेश पाण्डेय,अरुण ओझा,शिवाकांत मिश्रा,कमलेश जी आदि लोग प्रमुख रूप से शामिल थे।